राहत: न ज्यादा संक्रमण और न जान जाने का खतरा, डेल्टा से खतरनाक नहीं डेल्टा प्लस वैरिएंट

 


सार

नेशनल कोविड टास्क फोर्स की पड़ताल में बताया गया कि डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमण की दर न के बराबर है। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंप दी गई है। 
कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर तमाम खबरें अब तक सामने आ चुकी हैं। कई खबरों में डेल्टा प्लस वैरिएंट बेहतर खतरनाक और संक्रामक बताया गया, लेकिन कोविड टास्क फोर्स की पड़ताल में इसका खंडन कर दिया गया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप को लेकर भयावह खबरें आ रही हैं, लेकिन वह उतना खतरनाक नहीं है। कोरोना वायरस और उसके संक्रमण पर नजर रखने वाली नेशनल कोविड टास्क फोर्स की पड़ताल में सामने आया कि वायरस का यह स्वरूप न तो बहुत तीव्रता से लोगों को संक्रमित करता है और न ही इससे जान जाने का खतरा है। टास्क फोर्स की टीम ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी साझा की है। वहीं, देश में वायरस को लेकर जांच करने वाली एजेंसी के साथ अगला शोध भी शुरू कर दिया। 

टास्क फोर्स ने किया यह खुलासा

नेशनल कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. एनके अरोड़ा ने बताया कि डेल्टा प्लस वैरिएंट न तो डेल्टा वैरिएंट के बराबर मारक क्षमता रखता है और न ही संक्रमण फैला सकता है। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2021 में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला था। तकरीबन तीन महीने के दौरान डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमण के करीब 60 मामले सामने आए। वहीं, वायरस के इस स्वरूप से जिन तीन लोगों की मौत हुई, उनमें से किसी ने भी वैक्सीन नहीं लगवाई थी। टास्क फोर्स की पड़ताल में सामने आया कि वायरस के कई बदले हुए स्वरूप सामने आने बाकी हैं, लेकिन वे कितने घातक होंगे, उसका पता शोध के बाद चलेगा। इतना जरूर तय है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट न तो बहुत जानलेवा है और न बहुत ज्यादा संक्रमित करने की क्षमता रखता है।

डेल्टा प्लस वैरिएंट से सावधान रहने की जरूरत

डेल्टा प्लस वैरिएंट पर शोध करने वाली टीम के सदस्यों का कहना है, जिन लोगों में वायरस का नया स्वरूप मिला, उनके संपर्क में आए लोगों को भी जांचा गया। वहीं, उन हजारों लोगों की सैंपलिंग संपर्क की कड़ी के तौर पर की गई। हैरान करने वाली बात यह थी कि डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वालों में ज्यादा इंफेक्शन नहीं मिला। यह राहत देने वाली बात है। डॉ. एनके अरोड़ा का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट जितना खतरनाक था, उसकी तुलना में डेल्टा प्लस वैरिएंट कुछ भी नहीं है। लोगों के पास डेल्टा प्लस वैरिएंट के बारे में जितनी जानकारी है, वह पूरी तरह से सच नहीं है। लोगों को डेल्टा प्लस से अलर्ट रहना चाहिए, लेकिन इससे खौफजदा होने की जरूरत नहीं है।

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