लुटेरे अस्पतालों पर योगी सरकार का एक्शन शुरू, इन 10 अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त।

 


कोरोना काल में मरीजों से मनमाने रेट वसूलने व दूसरी गड़बड़ियां करने वाले अस्पतालों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। ऐसे 10 अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है और नौ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है। अब इन मामलों में संबंधित जिलों के डीएम व सीएमओ से जवाब तलब किया जाएगा। साथ ही दोषी पाए गए अस्पताल संचालकों से वसूली भी होगी।


इस बार के कोरोना कालखंड में निजी अस्पतालों पर मनमानी रेट मरीजों से वसूलने, इलाज में लापरवाही बरतने, दुर्व्यवहार करने, ऑक्सीजन की कृत्रिम कमी बताने व अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। अब तक 33 जिलों से इस तरह की 184 शिकायतें आईं हैं। इनकी जांच में 68 शिकायतें सही पाई गईं।

इस आधार पर 117 मामलों में नोटिस दी गई। जांच के बाद कार्रवाई शुरू हो गई है। कई मामलों में मरीजों से वसूली गया ज्यादा पैसा वापस कराया गया तो कई जगह लाइसेंस निरस्त किया गया।


इन 33 जिलों के अस्पतालों व नर्सिंग होम की हुई शिकायत


आगरा, बाराबंकी, मथुरा, हाथरस, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, गौतबुद्धनगर,मुजफ्फरनगर,बागपत, हापुड़,सहारनपुर,शामली, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, लखनऊ, खीरी,वाराणसी,आजमगढ़, जौनपुर, मऊ, भदोही, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बरेली, शाहजहांपुर,मुरादाबाद, संभल, प्रयागराज व रामपुर


ज्यादा वसूली के कुछ मामले


आगरा के एक अस्पताल को कोविड अस्पताल से डिबार किया गया। उससे 80 हजार रुपये मरीज को वापस कराए गए। आगरा के कई अस्पतालों को मरीजो से ज्यादा वसूली गई फीस लौटानी पड़ी


मेरठ के एक अस्पताल संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज


गाजियाबाद में एक अस्पताल का लाइसेंस निरस्त व एक का स्थगित


बुलंदशहर के एक निजी अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर संचालक पर प्राथमिकी दर्ज


भदोही में निजी नर्सिंग होम ने ऑक्सीजन का ज्या�

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